चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी(आप) के सीनियर नेता और विधायक अमन अरोड़ा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सुझाव दिया है कि वह कल सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ से राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक के मौके पर सैंट्रल एक्साइज ड्यूटी में से पंजाब के अनुपात मुताबिक 50% हिस्सा मांगें, जिससे पहले ही 2.5लाख करोड़ रुपए के ऋणी पंजाब के सरकारी खजाने को लॉकडाउन(कर्फ्यू) के कारण हो रहे भारी वित्तीय नुक्सान की थोड़ी बहुत भरपाई हो सके।
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अमन अरोड़ा ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह को पत्र लिखकर कई सुझाव दिए है, जिससे वह(मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर) सोमवार को प्रधानमंत्री के साथ होने जा रही बैठक के दौरान उठा सकें। ‘आप’ हैडक्वाटर द्वारा मुख्यमंत्री को लिखा पत्र जारी करते हुए विधायक अमन अरोड़ा ने कहा कि कोरोना के कारण विश्व व्यापक लॉकडाउन के कारण आजकल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें ऐतिहासिक गिरावट पर हैं। नतीजे के तौर पर रिलायंस और एसआर जैसी निजी तेल कंपनियों समेत जनतक क्षेत्र की सरकारी कंपनियां(पीएसयूज) अरबों रुपए का लाभ कमा रही हैं। कोरोना संकट की इस मुश्किल घड़ी में लोगों को राहत देने के लिए सबसे पहले इन तेल कंपनियों के अंधे मुनाफे की सीमा तय(सीलिंग/कैंपिंग) की जाए व फालतू लाभ से लोगों को राहत दिया जाए।
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अमन अरोड़ा ने कहा, ‘‘क्योंकि पैट्रोलियम पदार्थों को भारत सरकार ने जीएसटी प्रणाली से बाहर रखा हुआ है और पैट्रोलियम पदार्थों की बिक्री से जो वैट इकट्ठा होता है, उसमें से पंजाब को सालाना तकरीबन 4500करोड़ का हिस्सा मिलता है, परंतु कोरोना के कारण डीजल-पेट्रोल की 60% प्रयोग कम होने के कारण इस वैट राशि में से पंजाब को 2000करोड़ रुपए का घाटा होगा।
अमन अरोड़ा ने इस घाटे की पूर्ति के लिए केंद्र सरकार की तरफ से पैट्रोलियम पदार्थों पर ‘सैंट्रल एक्साइज ड्यूटी’ के रूप में जो प्रति लीटर 23रुपए पेट्रोल और 19रुपए प्रति लीटर डीजल वसूली की जाती है, जो वार्षिक दो लाख करोड़ रुपए के करीब बनता है, इस में अपने अनुपात मुताबिक पंजाब उस में से आई.जी.एस.टी की तर्ज पर 50प्रतिशत हिस्सा मांगे।
इसके इलावा अमन अरोड़ा ने कहा कि कैप्टन प्रधानमंत्री मोदी को सुझाव देने कि निजी और सरकारी तेल कंपनियों समेत निवेश करने की समर्था रखते आम लोगों के लिए सरकार तेल भंडार मुल्कों और कंपनियों के साथ इकरार करके ‘तेल बांड’ जारी करे जिससे भविष्य में कोरोना महामारी को हरा कर जब तेल की कीमतों में भारी उछाल आए तो मौजूदा घाटे की पूर्ति और लोगों को राहत दी जा सके।
अमन अरोड़ा ने कहा कि मुख्यमंत्री शराब की बिक्री खोलने पर जोर देने की बजाए इन सुझावों पर जोर दें। अमन मुताबिक कर्फ्यू के दौरान शराब की बिक्री की छुट देने के साथ सरकारी आमदनी तो बढ़ सकती है परंतु इस फैसले के कारण लोगों के घरों में क्लेश बढ़ेंगे और पहले ही आर्थिक दिक्कतों का सामना कर रहे आम लोगों का घरेलू बजट ओर ज़्यादा बिगड़ेगा।