चण्डीगढ़: आम आदमी पार्टी(आप) पंजाब के प्रधान और संसद मैंबर भगवंत मान ने कोरोना के विरुद्ध जंग के दौरान सरकारी कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाते हुए कहा कि निकम्मे प्रबंधों व लीडरशिप के कारण कोरोना के विरुद्ध ‘ऑपरेशन फतेह’ वास्तविकता में ‘ऑपरेशन फेल’ बन गया है। चण्डीगढ़ स्थित पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी टाईम शैली(अस्थाई ढंग) में मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह, सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू समेत कांग्रेस लीडरशिप और उच्च-प्रशासनिक अधिकारी कोरोना के विरुद्ध लडऩे के दावे कर रहे हैं, वह जमीनी हकीकत के समक्ष लगातार फेल और फ्लॉप हो रहे हैं। नतीजे के तौर पर सवा महीने के कर्फ्यू के बावजूद पंजाब में कोरोना वायरस बढ़ता-फैलता ही जा रहा है।
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भगवंत मान ने कहा कि तरनतारन में खटारा एंबुलेंस और पंजाबभर के अस्पतालों और निहत्थे लड़ाई लड़ रहें डॉक्टरों ने सरकार की पूरी तरह पोल खोल दी है। सेहत मंत्री बलबीर सिंह सिद्धू घर पर ही दुबक कर बैठ गए है, जबकि उनको अकेले गाड़ी चला कर पूरे पंजाब में प्रबंधों की निगरानी करनी चाहिए थी। और केंद्र की मोदी सरकार भी ‘प्रवचन’ देने के इलावा कुछ भी नहीं कर रही। वित्तीय तौर पर राज्यों के बहुसंख्यक साधनों-संसाधनों पर कब्जा कर चुकी केंद्र सरकार ने इस मुश्किल की घड़ी में पंजाब जैसे राज्य की भी अनदेखी कर दी है, जिसने आजादी की लड़ाई से लेकर पूरे देश का पेट भरने के लिए सबसे अधिक योगदान दिया है।
संयुक्त प्रस्ताव के द्वारा पंजाब को विशेष वित्तीय पैकेज के लिए केंद्र पर दबाव डालें सभी, संसद मैंबर - भगवंत मान ने पंजाब के सभी संसद सदस्यों को पार्टी स्तर से ऊपर उठ कर एक संयुक्त प्रस्ताव के द्वारा केंद्र सरकार पर दबाव बनाना चाहिए कि वह पंजाब के लिए विशेष वित्तीय पैकेज और राज्यों की इंडस्ट्री को पहाड़ी राज्यों की तर्ज पर टैक्स छूट दे, जिससे कोरोना वायरस के कारण ओर ज़्यादा संकट में घिरे पंजाब के उद्योगों और आर्थिकता को अपेक्षित छूट मिल सके। भगवंत मान मुताबिक, ‘‘मैं बादल जोड़ी(हरसिमरत - सुखबीर), भाजपा के सोम प्रकाश और सनी दियोल समेत सभी कांग्रेसी संसद मैंबर को न्योता देता हूं कि आओ एकजुट होकर पंजाब के लिए मोदी सरकार से विशेष वित्तीय पैकेज के लिए हर संभव दबाव बनाएं।’’
भगवंत मान ने साथ ही कहा कि यह भी मांग रखनी चाहिए कि हमारी(संसद) मैंबर के वेतन बेशक 30प्रतिशत की जगह 50प्रतिशत काटकर ली जाए, परंतु संसद को लोगों के विकास के लिए मिलती एमपीलैड(सांसद कोटे) राशि पर रोक न लगाए। मान ने पंजाब में पूर्व विधायकों और पूर्व संसदों को एक से अधिक मिलती पैनशनें तुरंत बंद करने की मांग की। भगवंत मान ने कहा कि केंद्र पंजाब की जीएसटी रिफंड भी नहीं दे रहा जबकि हरसिमरत कौर बादल की तरफ से करोड़ों रुपए की राशि टीवी डिबेटों के बिना नीचे कहीं नजर नहीं आई। ‘‘यह बेहद दुखद है कि निकम्मी सरकारों ने आज उस पंजाब को केंद्र से राशन मांगने के लिए बेबस कर दिया है, जो पूरे देश का अब तक पेट भरता आ रहा है।’’
बादलों ने अपनी, लग्जरी बसें क्यों नहीं भेजी? - भगवंत मान ने बादलों और कांग्रेसियों पर कोरोना का सियासीकरन करने का आरोप लगाते कहा कि यदि सुखबीर सिंह बादल को सिक्ख श्रद्धालुओं और पंजाबी स्टूडैंट्स का थोड़ा बहुत भी ख्याल होता तो वह अपनी सैंकड़ों वोलवो बसों की फ्लीट महाराष्ट्र, राजस्थान और दिल्ली भेज कर एक दिन में ही सभी पंजाबियों को पंजाब ला सकते थे। इसके इलावा मान ने तेल की कीमतें न घटने पर भी सवाल उठाए।