चण्डीगढ़: पंजाब सरकार की ओर से बिजली के बिल भरने के लिए बिजली बोर्ड(पीएसपीसीएल) के कैश काउन्टर खोले जाने का तीखा विरोध करते हुए आम आदमी पार्टी(आप) पंजाब ने लॉकडाउन समय के बिजली बिल पूरी तरह छोड़ने(माफ करने) की मांग की है। ‘आप’ हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा पार्टी के राज्य प्रधान और संसद मैंबर भगवंत मान ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के दौरान पंजाब सरकार जिस तरह लोक विरोधी फैसले जनता पर थोप रही है, उससे स्पष्ट है कि सरकार लोगों के लिए नहीं, बल्कि लोगों को सरकार का पहिया चलाने के लिए बुरी तरह इस्तेमाल किया जा रहा है।
भगवंत मान ने कहा कि एक तरफ कैप्टन सरकार निजी थर्मल प्लांटों को बिना बिजली इस्तेमाल किए अरबों रुपए लुटा रही है, वहीं दूसरी तरफ अपने काम-धंधे छोड़ घरों में बैठकर लॉकडाउन नियमों का पालना कर रहे लोगों को माह-दो-माह के बिजली के बिल भी नहीं छोड़े जा रहे।
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भगवंत मान ने दलील के साथ कहा कि एक तरफ सरकार शराब के ठेके पर लगती लाईनों (भीड़) को कंट्रोल करने के नाम पर शराब की होम डिलीवरी देने जा रही है, वहीं दूसरी तरफ घरों में बैठे बिजली उपभोक्ताओं को बिजली का बिल भरने के लिए बिजली विभाग के दफ्तरों के कैश काउंटरों पर लाईनों में खड़े होने के लिए तुगलकी फैसले लिए जा रहे हैं और यह भी पूछा कि 8मई से बिजली बिलों के लिए कैश काउन्टर खोलना कहां की बुद्धिमत्ता है?
भगवंत मान ने मांग की है कि सरकार पिछले साल के बिलों के मुताबिक बिजली बिल भरवाने के गैर-वाजिब फैसले को तुरंत वापस ले और इन 2-3माह के बिजली के बिल पूरी तरह से माफ करे। भगवंत मान ने कहा कि जो दुकानें या घर लॉकडाउन के दौरान खुले ही नहीं, उनके बिजली बिल पिछले साल के मुताबिक वसूलना शरेआम लूट और बेइन्साफी है। मान ने कहा कि लाखों की संख्या में लोग अपनी एक से अधिक रिहायश या किराए के घरों को ताले लगा कर अपने पुश्तैनी घरों/गांवों में जा बैठे हैं। ऐसे ताला लगे घरों/दुकानों के बिल वसूलना पूरी तरह गलत है। मान ने कहा कि यदि सरकार ऐसे लोक विरोधी फैसले वापस नहीं लेगी तो आम आदमी पार्टी लोगों को साथ ले कर सरकार के विरुद्ध एक ओर बिजली मोर्चा खोलेगी और जरूरत पडऩे पर कानूनी घेराबन्दी भी करेगी।