चंडीगढ़(23अप्रैल): आम आदमी पार्टी(आप) पंजाब के सीनियर व विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने इस बात पर गहरी चिंता जताई है कि कर्फ्यू(लॉकडाउन) के दौरान भी पंजाब और पड़ोसी राज्यों में ड्रग माफिया कैसे बेलगाम हो गया है? नतीजे के तौर पर नौजवान अपनी, कीमती जानें गवा रहे हैं। पार्टी हैडक्वाटर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि पिछले तीन दिनों में एक नौजवान को ड्रग माफिया ने गोलियों के साथ भून दिया और 2 नौजवान नशे की ओवर डोज़ की भेंट चढ़ गए। चीमा मुताबिक यह सिर्फ वह मामले हैं जो मीडिया के द्वारा सामने आए हैं। बिना शक ऐसे ओर भी मामले होंगे जो मीडिया की सुर्खियां नहीं बनी।
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हरपाल सिंह चीमा ने फिरोजपुर जिले में कोरोना रोकने के लिए सरकारी दिशा-निर्देशों की पालना करते हुए गांवों के लोगों की तरफ से लगाए गए नाके पर तैनात गांव के 2 नौजवानों को गोलियों के साथ भूनने वाले ड्रग माफिया के साथ जुड़े हुए तस्कर बताए जा रहे हैं। इसलिए सरकार को जहां इस मामले की उच्च स्तरीय और समयबद्ध न्यायिक जांच करवानी चाहिए, वहीं मारे गए नौजवान जज्ज सिंह को कोरोना विरुद्ध जंग का ‘शहीद’ ऐलान कर उस के परिवार को एक करोड़ रुपए की वित्तीय सहायता और परिवार में योग्यता मुताबिक एक सदस्य को सरकारी नौकरी ऐलानी जाए। जबकि जख्मी हुए नौजवान के इलाज का सारा खर्च सरकार उठाए और उसको उस की योग्यता मुताबिक सरकारी नौकरी दी जाए।
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि हैरानी इस बात की है कि कर्फ्यू के दौरान भी नशे के व्यापारी सक्रिय हैं। यदि सरकार ने सख्ती के साथ ड्रग माफिया पर काबू पाया होता, तो मानसा जिले के दो नौजवान नशे की भेंट न चढ़ते। चीमा ने मांग की है कि कैप्टन सरकार नशा तस्करों के विरुद्ध सख्त से सख्त कदम उठाकर अपनी तीन सालों की सरकार पर माफिया को संरक्षण देने के लगे दाग को धोऐ।