चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी पंजाब इकाई ने राज्य सरकार से मांग की है कि वह मगनरेगा योजना का लाभ गरीबों-दलितों के साथ-साथ छोटे किसानों तक पहुंचाना सुनिश्चित करे, क्योंकि कोरोना वायरस के मौजूदा प्रकोप में किसानों-मजदूरों को हर छोटे-बड़े आर्थिक सहारे की बेहद जरूरत है।
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पार्टी के किसान विंग के प्रधान कुलतार सिंह संधवां, एससी विंग के राज्य प्रधान मनजीत सिंह बिलासपुर और सह-प्रधान कुलवंत सिंह पंडोरी(सभी विधायक) ने कहा कि पिछली बादल सरकार की तरह कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार भी अपने साढ़े तीन वर्षों के कार्यकाल के दौरान राष्ट्रीय स्तर की मगनरेगा योजना का पूरा लाभ नहीं ले सकी। यदि कैप्टन अमरिन्दर सिंह गंभीरता दिखाते तो मगनरेगा योजना का लाभ न केवल भूमि रहित गरीब और दलित मजदूर बल्कि 5एकड़ से कम मिलकियत वाले किसान भी बड़े स्तर पर मगनरेगा योजना का लाभ ले सकते थे।
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कुलतार सिंह संधवां ने कहा कि मगनरेगा के बारे में 2013 के दिशा-निर्देशों के अनुसार 5एकड़ से कम जमीन पर खेती कर रहे किसान अपने ही खेत में काम कर मगनरेगा की दिहाड़ी लेने के हकदार हैं, परंतु इस योजना में गेहूं और धान की रिवायती फसलों को छोड़ कर बागबानी, पशु शैड(डेयरी), मुर्गी शैड(पोल्ट्री) कुदरती खेती के लिए गंडोया की खाद बनाने और पानी की संभाल समेत कई प्रकार के अन्य खेती सहायक काम शामिल हैं। संधवां ने कहा कि अफसोस इस बात का है कि पिछले 7वर्षों में न बादल और न ही कैप्टन सरकार इस राष्ट्रीय योजना का लाभ पंजाब के किसानों को दिला सकी, आप नेता ने कहा कि इन सरकारों की प्राथमिकता में पंजाब और पंजाब के लोग शामिल ही नहीं हैं।
मनजीत सिंह बिलासपुर और कुलवंत सिंह पंडोरी ने कहा कि केंद्र सरकार की इस स्कीम का किसानों और गरीबों-दलितों को 100फीसद लाभ दिलाने के लिए पंजाब सरकार गांव स्तर पर कैंप लगा कर लोगों को इस बारे में जागरूक करती और भूमि रहित गरीबों-मजदूरों के साथ-साथ 5एकड़ से कम जमीन वाले सभी किसानों के जॉब कार्ड बनाती तो पंजाब के किसानों की दशा कुछ और होती। उन्होंने कहा कि अभी भी कैप्टन सरकार के पास यह किसान और मजदूर हितैषी काम करने का वक्त है। इसलिए जहां मगनरेगा मजदूरों को किसानों के खेतों में काम करने की इजाजत दी जाए वहीं इस योजना के अधीन आते सभी छोटे और योग्य किसानों को लाभ दिलाया जाए।