चंडीगढ़: सरकारी स्कूलों से लेकर प्रोफेशनल कालेजों और यूनिवर्सिटियों तक पढ़ने वाले गरीबों, दलितों और आम घरों के विद्यार्थियों के प्रति कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार की निराशावादी नीतियां और घातक फैसलों की तीखी आलोचना करते हुए आम आदमी पार्टी पंजाब के अध्यक्ष व सांसद भगवंत मान और प्रदेश कोर समिति के चेयरमैन और विधायक प्रिंसीपल बुद्धराम ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार सोचे-समझे एजंडे के अंतर्गत दलितों, गरीबों और आम घरों के बच्चों को अच्छी शिक्षा से वंचित रख रही है।
पार्टी हेडक्वार्टर से जारी बयान के द्वारा भगवंत मान ने कहा कि दुनिया भर के तजुर्बों ने साबित कर दिया हैं कि किसी भी देश या समाज में से गरीबी और लाचारी का अंधेरा दूर कर ने के लिए अच्छी विद्या ही एक मात्र रौशनी है। यही उपदेश श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी देते हैं, परंतु बादलों और मोदी की तरह कैप्टन अमरिन्दर सिंह भी गुरू की वाणी समेत निर्धन-गरीबों से पूरी तरह विमुख हो चुके हैं। यदि ऐसा न होते तो सभी छोटे-बड़े प्राईवेट स्कूलों में शिक्षा अधिकार कानून अधीन गरीबों-दलितों के 25प्रतिशत दाखिले यकीनी होते। सरकारी स्कूल अध्यापकों को और बेरोजगार अध्यापक नौकरियों को न तरसते। अमीरों और गरीबों के लिए पढ़ाई का स्तर अलग-अलग होने की जगह गरीब, दलित और देहात में रहते आम घरों के बच्चों को भी बराबर के मौके यकीनी बनाऐ जाते।
(SUBHEAD) दलित विद्यार्थियों के लिए केंद्र की अंडर मैट्रिक और पोस्ट मैट्रिक वजीफा योजना के अंतर्गत पिछले 5सालों से करीब 2000करोड़ रुपए की राशि खुर्द-बुर्द करने की जगह दलित विद्यार्थियों के खातों में बेरोक पहुंचती, जिससे करीब ढाई लाख दलित विद्यार्थियों का भविष्य धुंधला न होता, जिनकी प्राईवेट कालेज इस लिए डिगरियां रोक लेते हैं, क्योंकि सरकार ने पिछले तीन सालों से किसी भी सरकारी या प्राईवेट संस्था को इस वजीफा योजना के अंतर्गत एक पैसा भी जारी नहीं किया। यहां से साबित होता है कि कैप्टन सरकार दलितों, गरीबों और आम लोगों के बच्चों के बारे में कदम-कदम पर झूठी साबित हुई है।
प्रिंसीपल बुद्ध राम ने कहा कि सरकार शराब और रेता-बजरी कारोबारियों को कोरोना की आड़ में करीब 1000 करोड़ रुपए की छूट दे सकती है, परंतु सरकारी स्कूलों के विद्यार्थियों को परीक्षा फीस का 80करोड़ रुपए नहीं छोड़ सकी, जबकि परीक्षाएं हुई ही नहीं। प्रिंसीपल बुद्ध राम ने कहा कि पहली बार हुआ है कि 10वीं के दलित विद्यार्थियों से 800 रुपए प्रति विद्यार्थी परीक्षा फीस वसूल ली गई।
भगवंत मान ने कहा कि 2022 में ‘आप’ की सरकार बनने पर पंजाब में केजरीवाल सरकार की तर्ज पर सब को बराबर और अच्छी शिक्षा की क्रांति लाना आम आदमी पार्टी की प्राथमिकता होगी।