चंडीगढ़(29अप्रैल): आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब के प्रधान और संसद मैंबर भगवंत मान ने पीआरटीसी के चालक मनजीत सिंह को कोरोना जंग का ‘शहीद’ करार देते हुए पंजाब सरकार से उसके परिवार को 50लाख रुपए की सहायता राशि देने की मांग की है, क्योंकि मनजीत सिंह जब कोरोना वायरस के कारण श्री हजूर साहिब में फंसे श्रद्धालुओं को पीआरटीसी की बस में लेकर जा रहा था तो रास्तो में उस की मौत हो गई।
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‘आप’ संसद ने कैप्टन अमरिन्दर सिंह सरकार पर ‘कोरोना योद्धाओं’ को 50लाख रुपए के बीमा कवर के ऐलान से 10दिनों में ही पलटने का आरोप लगाते हुए चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अगले 48घंटों के अंदर-अंदर चालक मनजीत सिंह के परिवार को पूरी 50 लाख रुपए की सहायता राशि न ऐलानी तो आम आदमी पार्टी ‘मजदूर दिवस’ पर 1मई को घरों में बैठ कर ही राज्य स्तरीय रोष प्रकट करने के लिए मजबूर होगी।
भगवंत मान बुधवार को वीडियो कान्फ्रेंस के द्वारा मीडिया के रूबरू हुए, और बताया कि वह निजी तौर पर पिछले 2दिनों से मुख्य मंत्री दफ्तर और मुख्य सचिव पंजाब को इस बारे अपीलें कर रहे हैं, कि सरकार की तरफ से मनजीत सिंह के परिवार के लिए ऐलानी गई 10लाख रुपए की सहायता राशि न केवल पीडि़त परिवार के साथ बेइन्साफी है, बल्कि इस के साथ कोरोना के विरुद्ध फ्रंट लाइन में खड़े हो कर लड़ रहे डाक्टरों, नर्सों, मल्टीपरपज़ हैल्थ वर्करों, एंबुलेंस चालकों, आशा और आंगणवाड़ी वर्कर, सफाई कर्मिर्यों, पुलिस और प्रशासनिक आधिकारियों-कर्मचारियों, बिजली कर्मियों, मंडियों में डयूटियां दे रहे कर्मचारियों समेत फील्ड ड्यूटियां दे रहे समूचे स्टाफ का मनोबल टूटेगा, कि खुदा न करे अगर उनके साथ कोई अनहोनी हो जाती है तो सरकार उनके परिवारों की मदद से भी भाग सकती है।
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भगवंत मान ने कहा कि सरकार को ‘कोरोना योद्धाओं’ का भरोसा जीतने और मनोबल ऊंचा रखने के लिए न केवल चालक मनजीत सिंह के परिवार को तुरंत 50लाख रुपए की राशि का ऐलान करना चाहिए, बल्कि कोरोना के विरुद्ध फील्ड में लड़ रहे योद्धाओं के लिए कैटागिरीवाइज नोटिफिकेशन जारी करनी चाहिए जिसमें कोई दुविधा न रहे। भगवंत मान ने पत्रकारों समेत किसानों, मजदूरों, आढतियों और समाज सेवा में जुटे योद्धाओं को भी विशेष बीमा कवर अधीन लाने की मांग की।
एक सवाल के जवाब में मान ने बताया कि यदि पहली मई तक सरकार ने मनजीत सिंह के परिवार को 50लाख रुपए की राशि न ऐलानी तो वह(खुद मान) समेत पार्टी के सभी विधायक, नेता और वर्कर-समर्थक अपने-अपने घरों के बाहर काली पट्टी बांध कर ‘मैं भी मनजीत सिंह हूँ’ तख्ती पकडक़र रोष जताऐंगे।