चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी(आप) पंजाब ने कोरोना महामारी के विरुद्ध जंग के नाम पर पीएम नरेंद्र मोदी की ओर से केंद्र सरकार के अधीन आते करीब 1.13करोड़ केंद्रीय कर्मचारियों, फौजियों और पैनशनरों के भत्तों पर अगले डेढ़ साल तक लगाई रोक का विरोध करते हुए इस फैसले को लोक विरोधी-देश विरोधी तुग़लकी फरमान करार दिया है। इसके साथ ही पार्टी ने कई-कई पैनशनें ले कर पूर्व विधायकों और पूर्व सांसद सदस्यों की एक से अधिक पैनशनें तुरंत बंद करने की जोरदार वकालत की है। ‘आप’ हैडक्वाटर द्वारा शनिवार को जारी बयान के द्वारा पार्टी की कोर समिति के चेयरमैन विधायक प्रिंसीपल बुद्धराम और प्रवक्ता और विधायक मीत हेयर ने कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से सरकारी मुलाजिमों, पैनशनरों, फौजियों, पूर्व फौजियों की जेबें काटे जाना किसी भी लिहाज से दरुसत फैसला नहीं है और मोदी सरकार इस फैसले को तुरंत वापस ले। ‘आप’ ने मोदी सरकार के इस फैसले को बचकाना और पूरी तरह अनैतिक असंवेदनशील बताया।
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प्रिंसीपल बुद्ध राम ने कहा कि इस तुग़लकी फरमान ने मोदी सरकार के चरमराई वित्तीय हालत की पोल खोल कर रख दी है। क्या देश की आर्थिक स्थिति इतनी डावांडोल है कि कोरोना के विरुद्ध एक-दो महीने की जंग भी सरकार अपने दम पर नहीं लड़ सकती कि उसे सैनिक वीरों समेत सारी उम्र देश के लिए नौकरी करने वाले बुजुर्गों की जेबें काटनीं पड़ रही हैं।
नौजवान विधायक मीत हेयर ने कहा कि कोरोना विरुद्ध लड़ाई के लिए मुलाजिमों-पैनशनरों-सैनिकों के भत्ते काटने की जगह फिजूल खर्चा और गैर जरूरी प्रोजेक्टों को टाल देना बेहतर रहेगा। पूर्व विधायकों और पूर्व सांसद सदस्यों को एक से अधिक मिल रही लाखों रुपए प्रति महीना पैनशनें पक्के तौर पर बंद कर देनी चाहिए। मीत हेयर के अनुसार, ‘‘यह कहां का इंसाफ है कि एक तरफ मुलाजिमों के डीए काटे जा रहे हैं। वायदा करके बुजुर्गों और विधवाओं को 2500रुपए की जगह 750रुपए पैंशन भी समय पर नहीं दी जा रही। उच्च शैक्षिक योग्यता रखने वाले मामूली वेतन पर काम करने के लिए मजबूर हैं। बेरोजगार भत्ते तक नहीं दिया जा रहा। दूसरी तरफ पूर्व विधायक और संसद मैंबर कई कई लाख रुपए महीना एक से अधिक पैनशनें ले रहे हैं।
मीत हेयर ने कहा कि कोरोना न होता तो भी कई-कई पैनशनों का फैसला गलत है। उन्होंने कहा कि नैतिक तौर पर इन पूर्व सांसदों-विधायकों को एक से अधिक पैनशनें छोड़ देनी चाहीऐ। उन्होंने लोगों को भी अपील की है कि वह अपने इन राजनैतिक नेताओं पर नैतिक तौर पर एक से अधिक पैनशनें छोडने के लिए दबाव बनाएं। ‘आप’ नेताओं ने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह से अपील की है कि वह केंद्र सरकार के पीछे लगकर सरकारी कर्मचारियों, पैनशनों के डीए पर रोक न लगाएं और एक से अधिक पैनशनें ले रहे विधायकों और सांसदों की पैनशनें बंद करें।