नई दिल्ली. आप की क्रांति. उपमुख्यमंत्री व शिक्षामंत्री मनीष सिसोदिया गुरुवार को नज फाउंडेशन द्वारा इंडियन हैबिटेट सेंटर में आयोजित ‘चर्चा: लाइवलीहुड समिट- 2022’ में बतौर मुख्यवक्ता शामिल हुए और ‘आकांक्षात्मक रोजगार तथा रोजगार सृजन को प्रोत्साहित करने वाली नए दौर की शिक्षा प्रणाली’ विषय पर अपने विचार साझा किए| इस मौके पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एक देश जहाँ स्किल पर तो फोकस किया जाए लेकिन उसके पीछे कोई सपना न हो तो वो देश और वहां का युवा कभी तरक्की नहीं कर सकता है| इसलिए सभी सरकारों और शैक्षिक संस्थाओं को प्रतिबद्धता के साथ ये सुनिश्चित करना चाहिए कि हम अपने युवाओं को शिक्षा के साथ-साथ सपने भी दे जिसकें माध्यम से वो स्वयं का विकास तो करें ही साथ ही देश की तरक्की में भी भागीदार बनें| श्री सिसोदिया ने यहां दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी द्वारा शुरू किए गए ‘डीएसईयू लाइटहाउस’ के स्टूडेंट्स से बात कर लाइटहाउस में उनके द्वारा किए गए कोर्स के अनुभवों को भी जाना| सिसोदिया ने कहा कि दिल्ली में सभी सरकारी व प्राइवेट स्कूलों में लगभग 44 लाख बच्चे पढ़ते है| और जब उनसे भविष्य के विषय में या उनके सपनों के विषय में पूछा जाता है तो ज़्यादातर बच्चों के पास कोई स्पष्ट जबाव नहीं होता है| सरकार में बैठे लोगों के पास भी इनके लिए कोई सपना हैं है, सरकारों के पास इंस्पिरेशन नहीं है कि वो देश के नौजवानों को कहा खड़ा देखना चाहते है| उन्होंने कहा कि यदि सरकार में बैठे लोगों के पास ही अपने समाज व देश के लिए कोई सपना नहीं होगा तो वो शैक्षिक संस्थाओं के माध्यम से बच्चों को क्या सपना दिखा पाएंगे| उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हर साल दिल्ली के स्कूलों से लगभग 2.5 लाख बच्चे केवल इस एस्पिरेशन के साथ निकलते है कि उन्हें एक अच्छी नौकरी मिल सकें| अगर ये बच्चे हर साल केवल नौकरी ढूंढने के लिए ही निकलेंगे तो नौकरी देने वाला कौन बनेगा| इसका जबाव न सरकारों के पास है और न ही किसी शैक्षिक संस्थान के पास| इस सवाल के जबाव के रूप में हमने दिल्ली सरकार के स्कूलों में ‘एंत्रप्रेन्योरशिप माइंडसेट करिकुलम’ की शुरुआत की| जहाँ न केवल एंत्रप्रेन्योरशिप बल्कि एक ग्रोथ माइंडसेट पर भी फोकस किया जाता है| उन्होंने कहा कि एजुकेशन सिस्टम का फोकस हमेशा से सिलेबस पूरा करना, बेहतर रिजल्ट प्राप्त करना रहा है और माइंडसेट को साइड कोर्स की तरह रखा गया है| लेकिन हमारे स्कूलों में इसे बदलने का काम किया गया है| उन्होंने आगे कहा कि कक्षा 9वीं से 12वीं के बच्चों में ईएमसी के माध्यम से हमने एक ग्रोथ माइंडसेट विकसित करना शुरू किया है| उन्होंने बताया कि ईएमसी का पहला पहलू जहाँ बच्चों को बड़े-बड़े एंत्रप्रेन्योरर्स के साथ चर्चा में शामिल किया जाता है, बच्चे उनकी एंत्रप्रेन्योरशिप की जर्नी को जानते समझते है| विभिन्न एक्टिविटीज करते है व केस स्टडी करते है| वही इसका दूसरा हिस्सा है बिज़नेस ब्लास्टर्स जहाँ सरकार द्वारा कक्षा 11वीं-12वीं के बच्चों को सरकार द्वारा इन्वेस्ट करने के लिए अपना बिज़नेस आइडियाज शुरू करने के लिए 2-2 हजार रूपये की सीड मनी दी जाती है| श्री सिसोदिया ने कहा कि हमने जितना सोचा बिज़नेस ब्लास्टर ने उससे कही ज्यादा कामयाबी हासिल की और बच्चों के माइंडसेट पर सकारात्मक प्रभाव डाला| बच्चों में डिसिजन मेकिंग, प्लानिंग करना, रिस्क लेने जैसी क्षमता विकसित हुई| इस कार्यक्रम के तहत कई टीम्स ने कुछ हजार की लागत से शुरू किए गए अपने स्टार्ट-अप्स से लाखों का मुनाफा कमाया और बहुत से उद्योगपतियों व एंत्रप्रेन्योरर्स ने इन बच्चों के मिनी स्टार्ट-अप्स में लाखों का इन्वेस्ट भी किया| और इस प्रोग्राम के पहले साल के टॉप टीमों को दिल्ली सरकार के प्रीमियम उच्च शिक्षा संस्थान डीटीयू, एनएसयूटी, आईजीडीटीयूडब्ल्यू, दिल्ली स्किल एंड एंत्रप्रेन्योरशिप यूनिवर्सिटी में विभिन्न कोर्सेज में सीधे दाखिला मिल रहा है| उपमुख्यमंत्री ने कहा कि बिज़नेस ब्लास्टर्स में बहुत से बच्चों ने अपने शानदार बिज़नेस आइडियाज बनाए और कई टीम्स सफल नहीं भी हुई लेकिन इसकी सबसे अच्छी बात ये रही कि इसमें शामिल 3 लाख बच्चों में से हर बच्चे ने सोचना, एनालिसिस करना शुरू कर दिया है, वे रिस्क लेने लगे है| भारत में एस्पिरेशन के चक्कर में बच्चों के सोच को लिमिटेड कर दिया जाता है लेकिन बिज़नेस ब्लास्टर्स ने इन बाधाओं को तोड़ते हुए बच्चों को बड़ा सोचना और उसके लिए काम करना सिखाया है|
युवाओं ने बताया डीएसईयू लाइट-हाउस ने बदल दी उनकी जिन्दगी, स्किल्स के साथ-साथ आगे बढ़ने के सपने भी मिले
ओखला में मजदूर कल्याण कैंप में रहने वाली मन्नू ने बताया कि 12वीं के बाद उसकी इच्छा कंप्यूटर कोर्स कर किसी प्रोफेशनल जगह पर काम करना था| लेकिन वित्तीय रूप से सक्षम न होने के कारण वो ऐसा नहीं कर सकी| मन्नू को अपनी दोस्त से कालकाजी में शुरू हुए डीएसईयू लाइटहाउस के विषय में पता चला और मन्नू वहां जाकर डेटा एंट्री ऑपरेटर का कोर्स करना शुरू कर दिया| मन्नू बताती है कि यहां उसे कोर्स के साथ-साथ उसकी अपने विषय में, अपनी हॉबी के बारे में जाना| मन्नू सोशल वर्क के क्षेत्र में अपना करियर बनाना चाहती है| डीएसईयू लाइटहाउस से अपना कोर्स पूरा करने के बाद उसकी मदद से मन्नू वर्तमान में एक फ़र्म जॉब भी कर रही है और बैचलर इन सोशल वर्क का कोर्स भी कर रही है| तुगलकाबाद गाँव के निवासी प्रभात भी डीएसईयू लाइटहाउस कालकाजी के छात्र है| प्रभात को आर्थिक तंगी व पारिवारिक कारणों की वजह से 10वीं के बाद अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी| प्रभात ने लाइटहाउस के माध्यम से आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस एंड डेटा एनालिसिस का कोर्स किया| यहां प्रभात को अपने पैशन के बारे में पता चला और अब वो अपने सपने को पूरा करने के लिए मेहनत कर रहे है जिसमें लाइटहाउस उनकी मदद कर रहा है|
क्या है नज फाउंडेशन का ‘लाइवलीहुड समिट- 2022’
नज फाउंडेशन द्वारा आयोजित ‘लाइवलीहुड समिट- 2022’ का उद्देश्य भारत में गरीबी में जी रहे 250 मिलियन से अधिक लोगों के आजीविका के लिए काम कर रहे सभी स्टेकहोल्डर्स को इस समिट के माध्यम से एक मंच पर लाना है| नज फोरम, चर्चा के साथ, देश की तरक्की को चार्ट करने के लिए थिंकर्स, शोधकर्ता, नीति निर्माता व कम्युनिटी लीडर्स आदि को एक साथ लाकर भारत के सबसे बड़े विकास क्षेत्र के मंच के रूप में विकसित हो रहा है। इस साल पहली बार इन-पर्सन हो रहे इस समिट में 90 से अधिक स्पीकर्स एंत्रप्रेन्योरशिप, गवर्नेंस एंड स्टेट कैपसिटी, ग्रामीण आजीविका(रूरल लाइवलीहुड) व स्किल स्किल डेवलपमेंट विषय पर चर्चा करेंगे|