देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून,बीजेपी राज में महिलाओं के लिए, बिलकुल भी महफूज नहीं रह गई, महिलाओं पर अत्याचार लगातार बढ़ता जा रहा है जो अपने आप में, चिंता का विषय है। आप पार्टी की प्रदेश उपाध्यक्ष और वरिष्ठ अधिवक्ता रजिया बेग ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि देहरादून का माहौल और वातावरण दिनों दिन महिलाओं के लिए, भयावाह होता जा रहा है। महिलाओं की सुरक्षा त्रिवेंद्र राज मे राम भरोसे दिख रही है इसलिए अपराधियों के हौसले हावी होते जा रहे हैं। लगता है अपराधियों को पुलिस और कानून का भी कोई खौफ नहीं रह गया है। देहरादून में दिव्यांग युवती से डरा धमका कर महीनों तक अपराधी दुष्कर्म करता रहा, और अपराधी, युवती और उसकी मां को जान से मारने की धमकी देकर बेखौफ अपराध को अंजाम देते रहे , आप उपाध्यक्ष ने कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर राजधानी में अपराधी बेखौफ होकर कुकृत्यों को अंजाम देंगे तो उत्तराखंड के अन्य जिलों में महिलाएं कैसे सुरक्षित रह सकती है। इसके अलावा उन्होंने कहा,मित्र पुलिस का खौफ अपराधियों में दिख नहीं रहा तभी तो महीनों से लाचार मां और उसकी दिव्यांग बेटी इनके जुल्म का शिकार बनते रहे। अगर महिला की दिल्ली में प्रवास कर रही बेटी पुलिस को ई मेल नहीं भेजती तो शायद अपराधी पकड़ में नहीं आते और बेखौफ होकर वो इस घटिया हरकत को आगे भी करते ।
आप उपाध्यक्ष ने कहा, किराएदारों का सत्यापन की बात मित्र पुलिस करती रहती लेकिन आज भी 100 फीसदी सत्यापन कहीं नहीं है इसलिए ऐसे लोग पुलिस की कमजोरी को ढाल बना कर अपराध को अंजाम देते हैं ।आप पार्टी इस घटना की कडे शब्दों में निंदा करती है और पुलिस के नए डीजीपी और सरकार से ये मांग करती है कि प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा के लिए ठोस कानून बनें। ताकि प्रदेश में हमारी मां बहनें और बेटियां महफूज रह सकें। अन्यथा वो दिन दूर नहीं होगा जब मातृशक्ति खुद सडकों पर उतरकर इस सरकार और बिगडी कानून व्यवस्था से अपने लिए न्याय मांगेगी ।
वहीं प्रदेश के नए डीजीपी के कार्यभार संभालते ही, उनके द्वारा साईबर,ड्रग्स, और आर्थिक अपराध के विशेष प्रकोष्ठों को मजबूत करने की बात पर रजिया बेग ने कहा, एडीजी रहते हुए अशोक कुमार बेहतर जानते हैं सरकार को सुरक्षा और कानून व्यवस्था को लेकर किस दिशा में काम करना है इसलिए उन्होंने साइबर ड्रग्स पर विशेष प्रकोष्ठ बनाने की बात कही । सरकार को इस दिशा में विशेष काम करने की जरूरत है ।ताकि अपराधियों पर अंकुश लगा कर उत्तराखंड के युवाओं को क्राइम और नशे जैसे अपराध के गर्त में जाने से रोका जा सके ।