नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार ने पूरे देश के लिए होम आइसोलेशन को लेकर जो गाइड लाइन जारी की है, वह दिल्ली सरकार के होम आइसोलेशन मॉडल की हूबहू नकल है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने होम आइसोलेशन के मरीजों को मिलने वाली टेलीफोनिक कंसल्टेंसी की व्यवस्था को सही बताते हुए इसे पूरे देश में लागू करने की सलाह दी है, जबकि इसी व्यवस्था को केंद्र सरकार ने दिल्ली में बंद करा दिया है। अब सवाल यह उठता है कि जब दिल्ली सरकार की यह व्यवस्था पूरे देश के लिए सही है, तो फिर केंद्र सरकार ने इसे दिल्ली में बंद क्यों कराया? मेरा मानना है कि केंद्र सरकार ने एलजी के माध्यम से धड़ाधड़ आदेश पारित कर सिर्फ दिल्ली के लोगों के लिए परेशानी ही खड़ी की है। दिल्ली में लागू करवाए अपने आदेशों को लेकर गृह मंत्रालय के पास न तो कोई योजना थी और न ही रूपरेखा। बिना तैयारी के आदेश पारित कर उन्हें बाद में वापस लेना यह दर्शाता है कि उनके पास उन फैसलों को लेकर कोई योजना नहीं थी, बल्कि राजनीतिक उद्देश्य के तहत एक के बाद एक गैर जरूरी आदेश जारी किए गए थे।
केंद्र सरकार ने होम आइसोलेशन के मरीजों को मिलने वाली टेलीफोनिक कंसल्टेंसी की व्यवस्था को सही ठहराते हुए पूरे देश में लागू करने की सलाह दी, जबकि दिल्ली में बंद कराया- राघव चड्ढा
आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं विधायक राघव चड्ढा ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि केंद्र में बैठी भाजपा पूरी तरह से उलझन में है, और केंद्र सरकार का केवल एक ही लक्ष्य है कि किस प्रकार से दिल्ली में अव्यवस्था की स्थिति पैदा की जा सके। राघव चड्ढा ने कहा कि केंद्र सरकार इतनी ज्यादा असमंजस में है कि सबसे पहले केंद्र सरकार ने बिना सोचे-समझे दिल्ली सरकार द्वारा बनाई गई होम आइसोलेशन की नीति को एक आदेश जारी करके निरस्त कर दिया। हमने केंद्र सरकार से अपील की और बताया कि लगभग 40,000 से अधिक लोग होम आइसोलेशन में ठीक हो चुके हैं। यह प्रक्रिया बेहद कारगर है और इसे बंद न किया जाए, लेकिन केंद्र सरकार ने हमारी एक नहीं सुनी।
राजनीतिक उद्देश्य के तहत गृह मंत्रालय ने दिल्ली में पारित किए एक के बाद एक गैर जरूरी आदेश, गृह मंत्रालय के पास अपने फैसलों और आदेशों को लेकर नहीं थी कोई योजना - राघव चड्ढा
उन्होंने कहा कि दिल्ली में होम आइसोलेशन की कामयाबी को देखते हुए केंद्र सरकार को घुटने टेकने पड़े। उन्हें इस प्रक्रिया को जारी रखने पर सहमति जतानी पड़ी, लेकिन इसमें भी केंद्र सरकार ने यह कहकर अड़ंगा लगा दिया था कि जो भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति होगा, उसको पहले जांच सेंटर पर जाना ही पड़ेगा और उस जांच सेंटर में बैठा डॉक्टर तय करेगा, कि उस व्यक्ति को होम आइसोलेशन में रखा जाए या कोविड सेंटर में रखा जाए। हमने इस बात का भी विरोध किया, क्योंकि यह कैसे हो सकता है कि एक व्यक्ति, जिसे 102 या 103 बुखार हो, वह 4घंटे कोविड सेंटर के बाहर लाइन में कैसे खड़ा हो पाएगा? उसे होम आइसोलेशन में ठीक होने दीजिए। होम आइसोलेशन दिल्ली सरकार का बहुत बेहतरीन मॉडल है। इसे यथावत जारी रहने दीजिए।
राघव चड्ढा ने कहा कि कल जो केंद्र सरकार ने होम आइसोलेशन के संबंध में पूरे देश के लिए गाइडलाइन जारी की है, वह हूबहू दिल्ली सरकार के होम आइसोलेशन मॉडल की कॉपी है। राघव चड्ढा ने सवाल किया कि यदि आपको केजरीवाल सरकार की होम आइसोलेशन नीति को ही पूरे देश में लागू करना था, तो आपने दिल्ली में चल रही होम आइसोलेशन प्रक्रिया में अड़चनें लगाने का काम क्यों किया? साथ ही साथ राघव चड्ढा ने यह भी कहा कि इस घटना से केंद्र सरकार के बारे में 3बातें साबित होती हैं। पहली, केंद्र सरकार होम आइसोलेशन मॉडल को लेकर पूरी तरह से कंफ्यूज है। केंद्र सरकार को होम आइसोलेशन के बारे में कुछ नहीं मालूम है। दूसरी, केंद्र सरकार दिल्ली में होम आइसोलेशन को बंद करके अव्यवस्था की स्थिति पैदा करना चाहती थी। तीसरी, केंद्र सरकार कोई फैसला लेने से पहले समस्या से संबंधित एक्सपर्ट की सलाह नहीं लेती है।
राघव चड्ढा ने कहा कि यदि केंद्र सरकार पहले ही होम आइसोलेशन के संबंध में एक्सपर्ट की सलाह लेती, तो उन्हें पता चलता कि किस प्रकार से पूरी दुनिया में होम आइसोलेशन की प्रक्रिया के जरिए लाखों लोग ठीक हो रहे हैं। अंत में राघव चड्ढा ने केंद्र सरकार को सलाह देते हुए कहा कि साथ मिलकर चलिए, एक्सपर्ट की सलाह लेकर चलिए और दिल्ली में परिस्थितियां बेहतर चल रही है, उस व्यवस्था को बिगाड़ने की कोशिश मत कीजिए।