चण्डीगढ़: आम आदमी पार्टी(आप) पंजाब को शुक्रवार को केंद्र सरकार द्वारका लाए तीन अध्यादेशों को पंजाब और कृषि क्षेत्र के लिए घातक करार देते हुए सभी जिलों के डिप्टी कमिश्नरों के द्वारा पंजाब के राज्यपाल को मांग पत्र सौंपे और यह तीनों ही घातक अध्यादेश वापस लेने की मांग रखी। पार्टी की मुख्य प्रवक्ता और विधायक प्रो. बलजिन्दर कौर ने कहा कि आम आदमी पार्टी ने इन तीनों अध्यादेशों{किसान उपज, व्यापार और वाणिज्य(प्रोत्साहन और सहायक) अध्यादेश-2020, कीमत गारंटी और खेती सेवाओं सम्बन्धित किसान(शक्तीकरण और सुरक्षा) अध्यादेश-2020 और जरूरी वस्तुएं(संशोधन)
अध्यादेश-2020} को वापस लेने के लिए समूह पंजाबियों खास करके खेती सैक्टर के साथ जुड़े वर्गों की आवाज केंद्र सरकार तक पहुंचा रही है।
उन्होंने कहा कि जब भी देश में कोरोना महामारी जैसी कोई आफत आई तो अन्नदाता ने देश को आत्म निर्भर बनाने के लिए अपना सब कुछ दाव पर लगा दिया। हरीक्रांति के नाम तले भारत ने पंजाब और हरियाणा के किसानों को गेहूं और धान का फसली मॉडल देकर अन्न भंडार भर लिए, परंतु आज केंद्र सरकार देश के अन्न भंडार भरे होने का हवाला दे कर पंजाब और हरियाणा के किसानों को ‘इस्तेमाल कर फेंक रही’ है।
पंजाब व किसान विरोधी अध्यादेशों के विरुद्ध पार्टीबाजी से ऊपर उठ कर संगठित हो पंजाबी: प्रो. बलजिन्दर कौर
प्रो. बलजिन्दर कौर ने कहा कि प्रदेश की स्वराज्य खेती क्षेत्र खासकर किसानों के लिए बेहद घातक इन अध्यादेशों को वापस करवाने के लिए आज हर किसी को पार्टीबाजी से ऊपर उठ कर लोक लहर खड़ी करनी चाहिए, जिससे मोदी सरकार यह घातक फैसले वापस लेने के लिए मजबूर हो जाए। प्रो. बलजिन्दर कौर ने बताया कि मांग पत्र के द्वारा पार्टी ने दलील दी है कि किसानों के हितों की पैरवी करने के नाम पर थोपे जा रहे यह अध्यादेश वास्तव में किसानों के लिए बर्बादी और कॉर्पोरेट घरानों के लिए वरदान हैं। इन अध्यादेशों के द्वारा गेहूं-धान का कम से कम एमएसपी(समर्थन मूल्य) और पंजाब का मौजूदा मंडीकरन व्यवस्था खत्म किया जा रहा है। जिसको किसी भी कीमत पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगे। उन्होंने कहा कि जब तक केंद्र की भाजपा सरकार इन अध्यादेशों को वापस नहीं लेती, तब तक आम आदमी पार्टी सडक़ से ले कर संसद तक संघर्ष जारी रखेगी।