चंडीगढ़: आम आदमी पार्टी(आप) के सीनियर व विपक्ष के नेता हरपाल सिंह चीमा ने मध्यवर्गीय परिवारों को पंजाब और देश की आर्थिकता की रीढ़ की हड्डी करार देते पंजाब और केंद्र सरकार से इस विशाल वर्ग के लिए विशेष छूट और राहत देने की मांग की है। ‘आप’ हेडक्वार्टर से जारी बयान के द्वारा हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि नोबल कोरोना वायरस के विश्व-व्यापक प्रकोप से मध्यवर्ग परिवारों को सब से अधिक वित्तीय चोट लगी है, बावजूद इस के यह वर्ग राज्य और केंद्र सरकारों के एजंडे पर ही नहीं है। एक भी कोई ऐसी रियायत या राहत नहीं है जो विशेष कर मध्यवर्ग परिवारों के लिए ऐलानी गई हो। यह वर्ग बिजली के बिल, घरों या व्हीकल-वाहनों के कर्ज की किश्तें(ईएमआई), डीजल-पेट्रोल पर टैकस जैसे का वैसे अदा करने के साथ-साथ राशन, दाल-तेल और सब्जियां आदि पहले की अपेक्षा भी दुगने मूल्य पर खरीद रहे हैं।
अगर मध्यवर्गीय क्लास निर्भर वर्ग की मदद न करता तो भुखमरी ने अब तक कोरोना से भी खतरनाक रूप धारण कर लेना था
हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि संकट की इस घड़ी में हर मध्यवर्गीय परिवार ने न केवल अपने घर की बल्कि अपने पर निर्भर कामगारों की दो वक्त की रोटी का प्रबंध करने में भी काफी हद तक मदद की है। गरीबों और जरूरतमन्दों को राशन आदि बांटने में जितनी बुरी तरह सरकारें फेल हुई हैं, यदि मध्यवर्ग परिवार सामाजिक-नैतिक जिम्मेदारी समझते हुए इन गरीबों और जरूरतमंदों की मदद न करते तो भुखमरी ने कोरोना वायरस की अपेक्षा भी अधिक खतरनाक रूप धारण कर लेना था।
हरपाल सिंह चीमा ने मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह और देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की है कि वह हर स्तर के मध्यवर्गीय परिवारों को बिजली के बिलों, चालू वित्तीय साल हर तरह के कर्ज की किश्तों की ब्याज रहित मुलतवी, डीजल-पेट्रोल(पैट्रोलियम पदार्थों) पर टैक्स की दरों में भारी छूट समेत बेकाबू होती जा रही महंगाई पर लगाम लगाने के लिए विशेष कदम उठाए जाएं, जिससे मध्यमवर्ग की क्लास को थोड़ी बहुत राहत मिल सके।