चंडीगढ़ (25फरवरी): पंजाब विधानसभा सत्र के दौरान डीजीपी दिनकर गुप्ता और कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु को तुरंत हटाए जाने की मांग को लेकर ‘आप’ विधायकों ने सदन में जोरदार नारेबाजी करते हुए वाकआऊट किया। इस दौरान हरपाल सिंह चीमा और मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह दरमियान काफी नोक-झोंक हुई, परंतु मुख्य मंत्री विरोधी पक्ष को संतुष्ट नहीं कर पाई। मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिन्दर सिंह की ओर से डीजीपी दिनकर गुप्ता और मंत्री भारत भूषण आशु को ‘कालीन चिट्ट’ दिए जाने के विरोध में विरोधी पक्ष(आप) बीते दिन की तरह हमलावर हो गई।
वाकआऊट के उपरांत मीडिया के साथ बातचीत करते हुए हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भारत भूषण आशु के साथ जुड़े जिन मामलों का ट्रायल ही नहीं हुआ, वह कौन से खाते में बोलते हैं। जिनमें गुड़ मंडी लुधियाना में हुए बम धमाके, 3औरतों का कत्ल, आशु की तरफ से आतंकवादियों के साथ मिल कर अपने ताया की हत्या की साजिश और एक हवलदार की हत्या के केस शामिल हैं, चीमा ने कहा कि यदि व्यक्ति जीवत होते हुए भी उसके विरुद्ध 50सालों के बाद भी केस का फिर से ट्रायल खुल सकता है, इस लिए आशु के इकबालिया बयान के आधार पर केस फिर से खोला जाएं।
हरपाल सिंह चीमा ने डीजीपी को तुरंत हटाए जाने की मांग करते हुए कहा कि जो डीजीपी जगत गुरू नानक देव जी की कर्म भूमि के संबंध में साजिश भरी टिप्पणियां कर रहे हैं, उस डीजीपी की पाकिस्तानी महिला अरूसा आलम के साथ सोशल मीडिया पर वायरल हो रही फोटोओं का क्या राज है, क्योंकि ऐसे लगता है, जैसे सरकार ही अरूसा आलम चला रही हो। चीमा ने कहा कि श्री करतारपुर साहिब के संदर्भ में नफरत भरी टिप्पणियां करने वाले बताएं कि अरूसा आलम पंजाब में किस आधार पर रह रहे हैं?
इस मौके अमन अरोड़ा, कुलतार सिंह संधवां, प्रो.बलजिन्दर कौर, सरबजीत कौर माणूंके, प्रिंसीपल बुद्ध राम, जै कृष्ण सिंह रोड़ी, कुलवंत सिंह पंडोरी, रुपिन्दर कौर रूबी, मनजीत सिंह बिलासपुर और मास्टर बलदेव सिंह भी वाकआऊट में शामिल थे।